त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार में दिनों दिन उत्तराखंड की व्यवस्था बेपटरी होती जा रही हैं| मक्कारों का मकडजाल उत्तराखंड को चहू और से लूटने में लगा है| उत्तराखंड विधुत वितरण निगम उनमे से एक है जो मक्कारों को प्रोत्साहित करता हैं की वो बिजली की चोरी करे व इमानदार लोगो को बिल बढ़ाकर प्रताड़ित किया जा रहा हैं|
उत्तराखंड विधुत वितरण निगम अपने अन्दर फैले भ्रष्टाचार को लगाम ना लगा पाने के कारण फिर आयोग में बिजली की दरो को बढाने के लिए प्रस्ताव भेजा हैं व आकड़ो की आने तो इस बार वितरण निगम को वर्ष 2018-19 में 625 करोड़ की शुद्ध हानि हुई हैं जबकि 2017-18 में यही हानि 229 करोड़ थी इसका मतलब यह है की इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले 396 करोड़ ज्यादा की हानि हुई हैं|
वर्ष 2016 में केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार व वितरण निगम के बीच में एक समझोता हुआ था जिसके अंतर्गत UPCL को अपने AT&C हानि को 2018-19 में 14.5 प्रतिशत तक लेकर आनी थी लेकिन विधुत वितरण खंड हल्द्वानी के अनुसार उनका पारेषण, वितरण व आय का अन्तराल 20.06 प्रतिशत हैं जिसका मतलब की हल्द्वानी में एक करोड़ की बिजली के बदले 79 लाख 96 हजार ही आते हैं|
सिर्फ हल्द्वानी में अगर 20 प्रतिशत बिजली चोरी हो रही हैं तो आप समझ सकते हैं की पूरे प्रदेश का हाल क्या होगा? 20% T&D की हानि हैं तो उसमे से आधा हिस्सा चोरी का हैं जिसे की उत्तराखंड विधुत वितरण निगम को रोकना चाहिए था| इस वर्ष 625 करोड़ की भरपाई के लिए निगम ने आयोग से बिजली की दरो को बढाने की गुहार की है|
यह बिजली की दरे केवल और केवल इमानदार उपभोक्ताओं के लिए बढेंगी क्योकि मक्कार व चोर लोग बिजली पहले की तरह फ्री में जलाते रहेंगे और इनको देख कर और लोग भी चोरी के लिए प्रेरित होंगे और यह घाटा दिनोंदिन बढ़ता रहेगा जो की आय व्यय के आंकड़ो में नज़र आता हैं| अगर आप देखे तो पिछले साल 2017-18 में 22.01 प्रतिशत का T&D हानि थी और 229 करोड़ का घाटा हुआ था जबकि 2018-19 में घाटा 20.06 हुआ हैं जबकि हानि पिछले साल से तिगुना 625 करोड़ की शुद्ध हानि हुई हैं जो की घाटा घटने के बाद भी तिगुनी हुई हैं|
उत्तराखंड की जनता आज उत्तराखंड में इमानदार होने की रोयल्टी दे रही हैं क्योकि बढे हुए दरें केवल और केवल ईमानदार लोग ही भरेंगे वो भी बिना किसी विरोध के ओर यही बढ़ा हुआ पैसा ही उत्तराखंड में हमारे ईमानदार बने रहने की रॉयल्टी हैं।
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UPCL Agreement details with Central Govt. https://www.uday.gov.in/MOU/Uttrakhand_MOU.pdf
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