सरकारी संरक्षण में कच्ची शराब से दून में 6 मरे

सरकारी संरक्षण में कच्ची शराब से दून में 6 मरे

सरकारी संरक्षण में कच्ची शराब से दून में 6 मरे
सरकारी संरक्षण में कच्ची शराब से दून में 6 मरे

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शुक्रवार को जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) ने हालांकि 3 लोगों की मौत होने की ही पुष्टि की है। घटना की पुष्टि करते हुए राज्य के महानिदेशक कानून-व्यवस्था अशोक कुमार ने देर शाम बताया, ‘शराब पीने के बाद कई लोगों की तबीयत खराब होने की खबरें शुक्रवार को दिन के वक्त आनी शुरू हुई थीं।’

उन्होंने आगे कहा, ‘रात आठ बजे तक 3 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। कहा जा रहा है कि मरने वाले तीनों लोगों ने एक मोमोज और जूस की दुकान से शराब लेकर पी थी।’ उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार के मुताबिक, इस मामले की जांच आबकारी विभाग के साथ-साथ पुलिस थाना कोतवाली कर रही है

विदित है कि देहरादून में जिला आबकारी अधिकारी लंबे समय से आबकारी विभाग में हो रही तमाम अनियमितताओं के लिए खासे चर्चा में थे लेकिन सरकार ने उन्हें निलंबित होने के

बावजूद दुबारा नियुक्त कर दिया| सबको मालूम हैं की पूरे उत्तराखंड में आबकारी विभाग ओवर रेटिंग से लेकर जहरीली और कच्ची शराब को लेकर खासा संरक्षण देता रहा है।

कुछ समय पहले भाजपा के महानगर अध्यक्ष विनय गोयल ने खुद ही यह स्वीकार किया था कि “भाजपा का स्थानीय पार्षद खुलेआम कच्ची शराब और अवैध शराब का व्यापार करता है। सभी को इस बारे में मालूम है लेकिन भाजपा उसे टिकट इसलिए देती है क्योंकि वह चुनाव धन बल से जीत सकता है।”

इस हादसे छह लोगो की मौत व एक व्यक्ति को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के अनुसार मरने वालों की संख्या में बढ़ भी सकती हैं|

बता दें कि इसी साल फरवरी महीने में हरिद्वार में भी जहरीली शराब से 42 लोगों की मौत का मामला सामने आया था। हरिद्वार जिले के भगवानपुर तहसील क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 42 लोगों ने जान गंवाई थी। सबसे ज्यादा प्रभावित बिंडुखड़क गांव हुआ था।