LED Lights can harmful for retina

LED की चमक कर सकती हैं अँधा

LED Lights can harmful for retina.

क्या एलईडी लाइट्स आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं? हालांकि इस बात को साबित करने के लिए कोई बहुत ज्यादा पुख्त सबूत मौजूद नहीं है। बावजूद इसके कई देशों की स्वास्थ्य एजेंसियां इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि एलईडी लाइट्स के इस्तेमाल से आंखों को नुकसान पहुंचने का खतरा है।
फ्रांस की सरकारी स्वास्थ्य निगरानी संस्थान ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि एलईडी लाइट की ‘नीली रोशनी’ से आंखों की रेटीना को नुकसान हो सकता है और प्राकृतिक रूप से सोने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है।

फ्रांसीसी एजेंसी खाद्य, पर्यावरण और व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा (ANSES) ने एक बयान में चेतावनी दी है कि नये तथ्य पहले की चिंताओं की पुष्टि करते हैं कि ‘एक तीव्र और शक्तिशाली LED प्रकाश ‘फोटो-टॉक्सिक’ होता है और यह आंखों में स्थित रेटिना की कोशिकाओं को कभी सही नहीं होने वाली हानि पहुंचा सकता है। साथ ही दृष्टि की तीक्ष्णता को भी कम कर सकता है।’

एजेंसी ने 400 पन्नों की एक रिपोर्ट में सिफारिश की है कि भले ही ऐसे स्तर घर या कार्यस्थल के वातावरण में शायद ही कभी मिले हों फिर भी तीव्र जोखिम के लिए अधिकतम सीमा को संशोधित किया जाना चाहिए।

कई दूसरे देशों की ही तरह भारत में भी एलईडी लाइट्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। घर के अंदर भी और बाहर भी। एलईडी लाइट्स एनर्जी एफिशंट होते हैं यानी इनके इस्तेमाल से बिजली की खपत कम होती है। लेकिन इन एलईडी लाइट्स से पुराने जमाने के पीले बल्बों की तुलना में ज्यादा नीली रोशनी निकलती है। आई स्पेशलिस्ट्स की मानें तो एलईडी लाइट्स से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों की रेटिना के सेल्स को नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि कितनी देर तक इस रोशनी में रहने से नुकसान हो सकता है और कितनी इंटेसिटी की रोशनी से नुकसान हो सकता है- इन दोनों बातों की जांच के लिए बड़े पैमाने पर क्लिनिकल स्टडी करवाने की जरूरत है।

एम्स के ऑप्थैलमोलॉजी विभाग के पूर्व प्रफेसर डॉ राज्यवर्धन आजाद कहते हैं, किसी भी तरह का अलर्ट जारी करने से पहले हमें सही मात्रा में डेटा की जरूरत होगी। आर्टिफिशल लाइटिंग हमारे जीवन का अहम हिस्सा है और हम हर दिन औसतन 10 से 12 घंटे आर्टिफिशल लाइट में बिताते हैं। ऐसे में जब सरकार और इंडस्ट्री दोनों एलईडी लाइट्स के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं, ऐसे में जरूरी है कि एलईडी लाइट्स फोटोबायोलॉजिकल सेफ्टी स्टैंडर्ड के हिसाब से बनें।

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